अंकुरित अनाज के फायदे for Dummies

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स्प्राउट्स सबसे सस्‍ता और अच्‍छा आहार होता है। इसके लिए आपको हर दिन ज्‍यादा पैसे खर्च की ज़रूरत नहीं पड़ती है। घर में रखी दाल, अनाज या नट्स को पानी में भिगो कर आप स्‍प्राउट बना सकते हैं। आप इसे घर मे आसानी से बना सकते  हैं।

आजकल हर कोई हेल्दी और स्लिम-फिट रहना चाहता है। इसके लिए एक्सरसाइज के साथ एक्सपर्ट अलग-अलग तरह की डाइट फॉलो करने की सलाह देते हैं। लेकिन कई बार ये डाइट में शामिल फूड्स इतने महंगे होते हैं कि हर किसी के बजट में फिट नहीं होते। ऐसे में हेल्दी रहना काफी महंगा पड़ जाता है। अगर आप हेल्दी रहने के लिए ज्यादा कीमत नहीं खर्च नहीं करना चाहते हैं तो इन देसी फूड्स को खाएं। इनमे वो सारे न्यूट्रिशन मिल जाएंगे जो महंगे फूड्स में होते हैं। 

इनको मिलाकर खाने से सिर्फ स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत को भी कई लाभ पहुंच सकते हैं.

अंकुरित करने से पूर्व बीजों से मिट्टी, कंकड़ पुराने रोगग्रस्त बीज निकलकर साफ कर लें।

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अंकुरित भोजन को कच्चा, अधपका और बिना नमक आदि के प्रयोग करने से अधिक लाभ होता है। दालीय अंकुरित (चना, मूंग, मोठ, website मटर, मूंगफली, सोयाबीन, आदि) के साथ टमाटर, गाजर, खीरा, ककड़ी, शिमला मिर्च, हरे पत्ते (पालक, पुदीना, धनिया, बथुआ, आदि) और सलाद, नींबू मिलाकर खाना बहुत ही स्वादिष्ट और स्वास्थ्य बर्धक होता है। इसे कच्चा खाना ही बहुत अच्छा होता है क्योंकि पकाकर खाने से इसके पोषक तत्वों की मात्रा एवं गुण में कमी आ जाती है। अंकुरित दानों का सेवन केवल सुबह नाश्ते के समय ही करना चाहिये।

व्हारइट व्लवड सेल्सड आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते है.

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वृद्धजन जो चबाने में असमर्थ हैं वे अंकुरित बीजों को पीसकर इसका पेस्ट बना कर खा सकते हैं। ध्यान रहे, पेस्ट को भी मुख में कुछ देर रखकर चबाएं ताकि इसमें लार अच्छी तरह से मिल जाए।

काफी फायदेमंद हैं। अंकुरित होने के बाद

एक फल या अन्न को पेड़ पर प्राकृतिक रूप से पकने का अर्थ है- उसके अन्दर के बीज का पूर्णता को प्राप्त हो जाना एवं बोने के बाद अपनी वंश परंपरा को आगे बढ़ाने की योग्यता आ जाना, परन्तु उसे अग्नि पर पकाने के पश्चात् क्या उस बीज में यह योग्यता शेष रह पाती है?

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